सामाजिक सरोकार
आमतौर पर सरकारें अपने एजेंडे में लोककल्याण व नागरिक सुविधाओं को तो लेती हैं, लेकिन शराबबंदी, दहेजबंदी, बाल विवाह-उन्मूलन जैसे सामाजिक सरोकार और समाज-सुधार से जुड़े मुद्दे वहां नहीं दिखा करते। जेडीयू ने इस मिथ को तोड़ा और ये बताया कि अगर इच्छाशक्ति हो तो सरकार समाज सुधार को भी नया आयाम दे सकती है। श्री नीतीश कुमार ने हाशिए पर फेंक दिए गए इन मुद्दों को अपने कार्यक्रमों के केन्द्र में रखा और देश और दुनिया के सामने एक नया प्रतिमान स्थापित किया।